छोटे व्यापारियों की समस्याएँ व समाधान

Date : 04.July.2017

सुबह की चाय हो या शाम की चाट, घर में इस्तेमाल होने वाले बर्तन हों या गाड़ियों में लगने वाले कवर, ये सभी चीज़ें हमारी रोजाना की ज़िन्दगी का एक अटूट हिस्सा हैं और हम तक इन्हें पहुँचाने का काम करते हैं वो छोटे व्यापारी जिनका व्यवसाय हमारी ज़रूरतों पर फलता-फूलता है. ये व्यापार कोई भी हो सकता है जैसे दूध, ब्रेड, किराने की दुकान, स्टेशनरी, चमड़ा, दुपहिया व चार पहिया गाड़ियों के पार्ट्स, आर्टिफीशियल ज्यूलरी आदि. ऐसे कई व्यापार चलाने वाले छोटे-छोटे व्यापारी हमें अपने आस-पास मिल जायेंगे.   

इस तरह के सभी व्यापारी अपना व्यवसाय चलाने के लिए नक़द लेनदेन पर निर्भर हैं. शिक्षा के अभाव के चलते ये व्यापारी बैंकिंग सुविधा इस्तेमाल करने से कतराते हैं. नकदी में काम करते हुए सालाना 3 से 4 लाख कमाने वाले ये छोटे व्यापारी इनकम टैक्स के दायरे में भी नहीं आते या यूँ कह लें कि बैंक के चक्कर लगाना या लाइन में खड़ा होना इनके लिए समय की बर्बादी जैसा है. ऐसे में अपना व्यापार बढ़ाने के लिए उन्हें लोन की आवश्यकता होती है तो वह बैंक के पास नहीं जा सकते क्यूंकि बैंक उन्हें लोन देने के लिए बैंक की ट्रांज़ेक्शन सहित बिल व इनकम टैक्स रिटर्न और वैट व सेल्स टैक्स भरने जैसी जानकारियों की डिमांड करेगा जोकि कागज़ी तौर पर उनके पास मौजूद नहीं होती हैं. अच्छा व्यापार होने के बावजूद डाक्यूमेंट्स की कमी के चलते कोई भी बैंक इन्हें व्यापार में बढ़ोत्तरी के लिए लोन नहीं देता है.  

इस स्थिति में छोटे व्यापारियों की समस्या का समाधान करती है प्रेस्टलोन्स (PrestLoans) जैसी एनबीएफसी (NBFC) कंपनी. जोकि ऐसे व्यापारियों से मिलकर उनकी समस्याओं को समझने की कोशिश करती है. उनके पास रोज़ आने वाले ग्राहकों से लेकर उनकी सेल व बचे हुए स्टॉक का मूल्यांकन करते हुए उनके प्रॉफिट मार्जिन को समझती है. साथ ही उनकी खरीद-फ़रोख्त, लाभ-हानि को देखते हुए उनके व्यापार की बैलेंस शीट व वास्तविक नक़द व्यापार का मूल्यांकन भी करती है जो वह छोटा व्यापारी नहीं कर पा रहा.  

ऐसे में प्रेस्टलोन्स का क्रेडिट मैनेजर उधारकर्ता की पूँजी की आवश्यकता व व्यापार बढ़ाने के लिए लगने वाली रकम की ज़रूरत को समझने की कोशिश करता है. वह लोन देने से पहले उनकी वित्तीय ज़रूरतों को परखने के साथ ही कुछ और ज़रूरी जानकारियों पर भी पैनी नज़र रखता है जैसे: उधारकर्ता कितने साल से इस व्यापार में है, उसका व्यवहार व उसका सामाजिक दायरा कैसा है, वह उधार चुकाने के काबिल है या नहीं व उधार चुकाना चाहता है या नहीं आदि. क्यूंकि नए ज़माने की फिनटेक (FinTech) कंपनियां आर्थिक आंकड़ों के अलावा अन्य सामाजिक एवं व्यक्तिगत आंकड़ों पर ज्यादा ध्यान देती हैं. 

सभी जानकारियों को अच्छे से परख लेने के बाद PrestLoans इन छोटे व्यापरियों को उनका व्यापार बढ़ाने के लिए लोन देकर वित्तीय सहायता प्रदान करता है. यदि उनके पास व्यापार सम्बंधित कागज़ी सबूत न भी हो तो भी उधारकर्ता लोन के बदले अपने घर/दुकान के कागज़ या अपना स्टॉक प्रेस्टलोन्स के पास सुरक्षा के तौर पर गिरवी रख सकता है. अधिकतर मामलों में यह लोन बिना किसी गिरवी के भी होता है. लेकिन इस वित्तीय सहायता से ऐसे सभी छोटे व्यापारियों का व्यापार मुख्य धारा में आना मुमकिन हो पाता है. इस तरह उनके व्यापार में तरक्की तो होती ही है साथ ही वह नक़द व्यापार करना भी कम कर देतें हैं, जिससे समाज का विकास होता है और समाज का विकास ही देश का विकास है, जिसके लिए प्रेस्टलोन्स (PrestLoans) हमेशा ही तत्पर है.