एम एस एम ई (MSME) – लघु उद्योगों के लिए सरकार का वेब पोर्टल क्या है?

Date : 15.April.2018

भारत में बिज़नेस (व्यापर या लघु उद्योग )अनौपचारिक माहौल में किया जाता है । यहाँ ज़्यादातर लोग अपने बिज़नेस को रजिस्टर भी नहीं करवाते हैं । यहाँ बिज़नेस करने की भरपूर क्षमता होने के बाद भी सर्विस (नौकरी) को ही ज्यादा महत्व दिया जाता है । भारत एक युवा शक्ति के रूप में अपनी पहचान बना रहा है । युवा को रोज़गार चाहिए जिससे वह अपने परिवार की ज़रूरतों को पूरा कर सके ।

ऐसे में भारत में छोटे व्यापर या लघु उद्योग को बढ़ावा देने की ज़रूरत है जिससे रोज़गार के अवसर पैदा हो सकें  । बिज़नेस को कैरियर के रूप में अपनाने के लिए भारत सरकार युवाओं को प्रोत्साहित कर रही है । जो नौकरी करने की तुलना में बेहतर विकल्प साबित होगा । इससे रोज़गार के अवसर भी विकसित होंगे । इसके लिए नया बिज़नेस (व्यापर या लघु उद्योग ) शुरू करने के इच्छुक लोगों को एमएसएमई (MSME) प्लेटफार्म के माध्यम से कई योजनाओं के द्वारा सहायता और लाभ प्रदान किये जा रहे हैं  ।

एमएसएमई (MSME)

माइक्रो, स्माल & मीडियम एंटरप्राइसेस (Micro, Small & Medium Enterprises) का लक्ष्य नई स्वदेशी प्रद्योगिकी (तकनीक) को प्राथमिक स्तर पर आर्थिक सहायता उपलब्ध करवाना है । इस नई वेबसाइट को लांच करते समय यूनियन मिनिस्टर कलराज मिश्र ने कहा “यह पोर्टल विशेष रूप से भारतीय एमएसएमई (MSME) को समर्पित है, हमारी लागत कम है इसलिये एनएसआईसी (NSIC) अपने वेब-स्टोर को विकसित करने में सभी प्रकार की सहायता प्रदान करेगा और प्रोडक्ट्स को डिस्प्ले (दिखाने) करने के लिए अलग अलग जगह देगा । उन्होंने इस पोर्टल के बारे में लोगों को एजुकेट करने की इम्पोर्टेंस को समझाया और बताया कि इस प्लेटफार्म पर बेचे जाने वाले सभी प्रोडक्ट एमएसएमई (MSME) से  जाएंगे ! माइक्रो, स्माल & मीडियम एंटरप्राइसेस (Micro, Small & Medium Enterprises): यह 1955 में स्थापित किया गया था ! छोटी इंडस्ट्री (लघु उद्योग) और उनसे रिलेटेड सर्विसेज को सुधार कर सरकार ने एक कम लागत वाले प्लेटफॉर्म को बनाया है जिससे इंडस्ट्रियलिस्ट सीधे अपने इक्विपमेंट्स और मशीनरी ऑनलाइन सीधे उपभोक्ताओं को बेचने में सक्षम होंगे !  www.msmeshopping.com और ecommerce platfarm नए व्यापारी या उद्यमी के लिए आशा की एक नई किरण है ! स्माल स्केल के इंडस्ट्रियलिस्ट (छोटे उद्योगपति) अक्सर पूँजी की कमी, फायनेंस, तकनीक की कमी, लिमिटेड प्रोडक्शन की केपेसिटी जैसी परेशानियों का सामना हमेशा करते रहते हैं, इसलिए यहाँ एमएसएमई (MSME) का रोल बहुत ही इम्पोर्टेन्ट हो जाता है ! जैसे एमएसएमई (MSME) राष्ट्र के निर्माण में भूमिका  निभाता है वैसे ही यह स्माल स्केल के इंडस्ट्रियलिस्ट (लघु उद्योगों) को भी अपने पैरों पर खड़ा होने में मदद करता है ! इसकी सालाना रेजिस्ट्रेशन फीस 5,000 रूपये है, एक बार रेजिस्ट्रेशन करवाने के बाद आप नीचे लिखे लाभ इस पोर्टल से उठा सकते हैं !

• ऑनलाइन पंजीकरण  

• वेब स्टोर मैनेजमेंट

• स्टाइल प्रोडक्ट सेक्शन

• मल्टी प्रोडक्ट  कार्ट

• ऑनलाइन पर्चेसिंग (खरीददारी) और सैलिंग (बिक्री) 

• कस्टमर सपोर्ट (सहायता) 

• पेमेंट गेटवे 

• सिक्योरिटी फीचर्स 

ऊपर लिखी सारी सुविधाएँ बिना किसी अतिरिक्त खर्चे के उबलब्ध (एक्स्ट्रा कॉस्ट) हैं ! जब एक बार सेलर (सामान बेचने वाला व्यापारी या इंडस्ट्रियलिस्ट (छोटा उद्योगपति) फ्लेट इयरली/ सालाना पेमेंट देकर साइन अप करता है, तो वह यहाँ बिना किसी एक्स्ट्रा कॉस्ट (अतिरिक्त खर्चे) के अपने प्रोडक्ट बेच सकता है ! इस प्लेटफार्म पर इलेक्ट्रॉनिक्स, बुक्स, अप्पारेल्स (कपडे), हेल्थ प्रोडक्ट्स, स्टेशनरी, मशीनरी आदि उबलब्ध होते हैं | 

यह नए सेलर की कैसे मदद करता है :-

डॉक्टर एच. पी. कुमार जो एन एस आई सी (NSIC) के सीएमडी हैं उन्होंने कहा “जो ऑनलाइन बिक्री में अपना एक स्थान बनाना चाहते हैं, यह स्टार्ट अप उन सेलर, कारीगरों, महिलाओं, इंडस्ट्रियलिस्ट के लिए आइडियल टूल है । एक ही छत के नीचे यानि इसी प्लेटफार्म पर प्रोडक्ट सेलिंग (बिक्री), पर्चेसिंग (खरीद), बिज़नेस डेवलोपमेन्ट, टेक्नोलॉजी डेवलोपमेन्ट सभी यहाँ सीख सकते हैं । इसके लिए केवल आपको ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करवाना होगा । एन एस आई सी आपको वेब स्टोर डेवलप करने के लिए हर तरह की मदद करेगा । आपके प्रोडक्ट को डिस्प्ले करने के लिए अलग अलग जगह देगा । हम पैसे और प्रोडक्ट का गलत इस्तेमाल होने से बचाने के लिए कैश ऑन डिलीवरी पर अधिक ध्यान देते हैं जिससे पैसा सीधा सेलर के पास पहुंचे “।

अभी तक सैंकड़ो सप्लायर्स अपने हज़ारों प्रोडक्टके साथ बोर्ड पर आ चुके हैं, अच्छी मार्केटिंग और प्रमोशन के बाद एमएसएमई (MSME) एक बढ़िया ऑप्शन बनकर सामने आया है । यह उन रिटेलर को अट्रैक्ट (आकर्षित) करेगा जो पहले ही दुसरे ecommers प्लेटफार्म पर अपना प्रोडक्ट बेच रहे हैं ।