MSMEs पर डिजिटलाइज़ेशन का प्रभाव
Date : 13.May.2018भारतीय अर्थव्यस्था विश्व की सबसे तेज़ी बढ़ती हुई अर्थव्यवस्था है । ग़ैर कृषि क्षेत्र में 50 मिलियन अतिरिक्त अवसर उपलब्ध हैं । ऐसा इसलिए हुआ है क्योंकि एम एस एम ई (MSME) का सरकार ने डिजिटलाइज़ेशन कर दिया । जिससे रोज़गार के अवसरों में तो बढ़ोतरी हुई साथ में माइक्रो, स्माल, और मीडियम स्केल की इंडस्ट्रीज को अपना व्यापर फ़ैलाने का अवसर मिला जिसका उन्होंने भरपूर फायदा उठाया इसका फायदा भारतीय अर्थव्यवस्था को भी हुआ ।
भारतीय अर्थव्यस्था की रीढ़ की हड्डी है एम एस एम ई (MSME) क्योंकि माइक्रो, स्माल, और मीडियम स्केल की इंडस्ट्रीज रोज़गार के अवसर तो पैदा करता ही है । भारत के सकल घरेलू उत्पाद में 37.5 % का योगदान भी है । एम एस एम ई (MSME) ने 1 करोड़ 17 लाख लोगों को रोज़गार दिया है जो की भारत की काम काजी उम्र का 14% है ।
MSMEs का डिजिटलाइज़ेशन
डिजिटल टेक्नोलोजी के कारण पूरा वातावरण ही बदल गया है । सबकुछ उपभोक्ता ऑनलाइन करते हैं खासतौर पर अपने मोबाइल पर । TRAI और BCG-Google के अध्ययन के मुताबिक, भारत में 1.03 अरब मोबाइल यूज़र्स हैं । 35 करोड़ इंटरनेट का उपयोग करते हैं । यही उपभोक्ता ऑनलाइन व्यवसायों की सर्च के साथ लेन देन भी करते हैं ।
एम एस एम ई (MSME) क्योंकि माइक्रो, स्माल, और मीडियम स्केल की इंडस्ट्रीज रोज़गार के अवसर तो पैदा करता ही है । इसलिए इसके महत्व को देखते हुए सरकार ने डिजिटल करने की पहल की । इसमें शामिल गवर्नमेंट सर्विसेज टैक्स फाइल करना, व्यवसाय को रजिस्टर करना, ऑनलाइन व्यवसाय करने की प्रक्रिया को आसान बनाना, इसके आलावा भारत सरकार का एक और लक्ष्य है भारत में डिजिटल कौशल स्तर बढ़ाने के लिए 1 करोड़ छात्रों को ट्रेनिंग दी जाये ।
e-commerce बड़े शहरों और ग्रामीण इलाकों की कंपनियों को दुनिया के ग्राहकों से जुड़ने और व्यापार के लिए आसान उपाय प्रदान किया है । इससे आप नए बाज़ारों का पता लगा सकते हैं, और अपने क्षेत्र के बड़े बड़े दिग्गजों के साथ कम्पीटिशन कर सकते हैं । आप अपने सीमित ज्ञान, भाषा, सांस्कृतिक मतभेद और पुरानी मानसिकता और अज्ञानता के कारण आप अपने अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में प्रवेश करने के अवसर को सीमित कर सकते हैं।
भारत में डिजिटल इम्पैक्ट को एनालाइज़ करने के लिए नेट कनेक्टिविटी, वेबसाइट और e-commerce अलग अलग स्तरों पर वर्गीकृत किया गया । लोग डिजिटल माध्यमसे कैसे कनेक्ट रहे इसका चार स्तरों --- ऑफलाइन, कनेक्ट, इनेबल और एंगेज्ड विश्लेषण करता है ।
अगर आप एक दुकान खोलकर मारकेट मैं बैठते हैं तो आपके ग्राहकों की संख्या लिमिटेड हो जाती है । लेकिन अगर आप ऑनलाइन आ जाते हैं तो पूरा विश्व आपका ग्राहक हो जाता है । और यदि आप MSME के माध्यम से e-commerce वेबसाइट से जुड़ते हैं तो आपकी पहुँच और भी व्यापक हो जाती है । क्योंकि फिर आप घर बैठे ही पूरे विश्व में अपना प्रोडक्ट बेच सकते हैं । स्नेप डील (Sanp Deal) ने एक अध्ययन में यह बात कही की भारत में एक एंटरप्रिनर (Entreprenuer) e-commerce की वेबसाइट द्वारा अपने व्यवसाय का संचालन करता है तो अपनी आय को 51% तक बढ़ा सकता है । अध्ययन में यह भी कहा गया की MSME के एक ऑनलाइन बिक्री चैनल www.msmeshopping.com अपनाने पर उसके व्यवसाय में करीब 46% की वृद्धि हुई । ecommerce उद्योग ने एसएमई को बेमिसाल अवसर प्रदान किए हैं । वित्तीय संस्थाएं जैसे www.prestloans.com और बैंक भी इस समुदाय को लोन देने को तत्पर हैं .
इस तकनीक को अपनाने पर निम्न लिखित लाभ हुए :-
यह ऑफलाइन के मुकाबले 2 गुना तेज़ी से प्रॉफिट बढ़ता है ।
रिपोर्ट से पता चलता की ऑनलाइन व्यवसाय करने वाले 51% लोग शहर से बाहर सामान बेचते हैं । जबकि ऑफलाइन वाले 29% ।
ऑफलाइन बिज़नेस करने वालों के मुकाबले में ऑनलाइन 5 गुना ज़्यादा रोज़गार के अवसर पैदा करता है ।
निष्कर्ष (conclusion)
भारत में बिज़नेस का डिजिटलीकरण उपभोक्ताओं के तेज़ी डिजिटलीकरण अपनाने के कारण हुआ है । इसी कारण से डाटा ट्रैफिक में बढ़ोतरी हुई और नई तकनीक पर बेस्ड स्टार्टअप एस्टेब्लिश किये गए । स्माल एंड मीडियम स्केल 8 करोड़ लोगों को रोज़गार देकर वह अर्थव्यवस्था में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, जो मेनुफेक्चरिंग का 45% है और देश के 40% निर्यात का योगदान करता है । ऑनलाइन खरीदारी 18% वार्षिक बढ़ी है । दुर्भाग्य से, भारत में 5 करोड़ एसएमई में से 5-6% से कम ऑनलाइन उपस्थिति है। यह निष्कर्ष निकाला जा सकता है कि डिजिटलीकरण के भारत में माइक्रो, स्माल और मीडियम स्केल पर महत्वपूर्ण सकारात्मक प्रभाव पड़ा है। नए ज़माने की NBFCजैसे www.prestloans.com आदि इन सब को लोन दे कर सहायता करने को हमेशा तैयार है |
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